जो होता है, अच्छे के लिए होता है

  • Sep 20, 2021

ईश्वर के फैसले पर कभी नाराज मत होना… क्योंकि ऊपर वाला वह नहीं करता जो आपको अच्छा लगता है, बल्कि वह करता है जो आपके लिए अच्छा होता है…

एक सेल्स मैनेजर पिछले दो ढाई साल से कंपनी में काम कर रहा था… वह हर चीज के लिए ऊपर वाले का धन्यवाद करता था.. उसको लगता था कि उसकी जॉब ऊपर वाली कृपा से लगी है… हर पल के लिए, हर क्षण के लिए ऊपर वाले का थैंकफूल था… घर से निकलता था तो ऊपर वाले को प्रणाम करता था.... वापस पहुँच कर प्रणाम करता था कि आपने मुझे पहुंचा दिया... इतना स्पिरिचुअलिटी में यकीन रखता था, लेकिन कभी-कभी उसके साथ में कुछ गलत हो जाता था... पता नहीं क्या चाहता था ऊपर वाला? दो ढाई साल से कंपनी में काम कर रहा था, तनख्वाह बड़ी नहीं थी...  सोच रहा था कहीं और काम मिल जाए...  उसे कहीं से एक बार पता चला था कि एक जगह जॉब है... अप्लाई करने के बाद एक व्यक्ति का कॉल भी आया था कि मैं आपसे फाइनल इंटरव्यू के लिए कॉल करूंगा। उसने डेट बता दी थी, टाइम नहीं बताया था...  आखिर अगले दिन वो तारीख भी आ गईं, जिस दिन इंटरव्यू के लिए कॉल आने वाली थी... वो बहुत एक्साइटिड था, कि इस कंपनी से पीछा छूटेगा। उसने थोड़ा जल्दी का अलार्म लगाया। सोचा कि जल्दी जागूंगा। तैयार होकर फर्स्ट क्लास इंटरव्यू के लिए उसने दिमाग में सब कुछ सोच रखा था, कि क्या क्या सवाल पूछ सकते हैं, क्या जवाब देने हैं...


लेकिन अगली सुबह जागा, तो जिस समय का उसने अलार्म लगाया था, सुबह 5:00 का... पता नहीं कब बजा और बंद हो गया... उसकी नींद खुली 7:30 बजे... वो लेट हो रहा था... उसे गुस्सा आने लगा... उसने फटाफट से तैयारी की, बिल्डिंग के नीचे पहुँच कर के बाइक स्टार्ट करने लगा... लेकिन बाइक स्टार्ट नहीं हो रही थी, खराब हो रही थी... वो गुस्से में बाइक को वही खड़ी करके, स्टैंड पर निकल गया... बाहर सड़क पर ऑटो ढूंढने लगा... बड़ी मुश्किल से एक ऑटो मिला... ऑफिस पहुंचा तो लेट हो चुका था... फटाफट काम करते हुए उसके दिमाग में बस यही बात चल रही थी कि बस वह कॉल आ जाए, तो मेरी इस कंपनी से पीछा छूट जाए... मैं कहीं और काम करूँ...
इतने में लंच टाइम हो गया... सेल्स मैनेजर ने देखा, की जल्दी में वो टिफ़िन लाना भूल गया है... उसे फिर गुस्सा आने लगा... जल्दी जल्दी वो ऑफिस की कैंटीन में पहुंचा,  तो वहां पर ताला लगा था.. इससे उसे और गुस्सा रहा था कि क्या दिन जा रहा है? उसने बाहर से खाने के लिए सैंडविच मंगवाया... पर वो भी ख़राब आया... शाम में तकरीबन 5:30 बजे इसके पास एक कॉल आई... ये वही जॉब कॉल थी, जिसके लिए ये बहुत दिनों से एक्साइटिड था... जैसे ही सवाल-जवाब शुरू हुए, बात होने लगी, बीच में अचानक से फोन डिस्कनेक्ट हो गया... सेल्स मैनेजर गुस्से में लाल हो गया कि फोन को भी अभी खराब होना था? फिर सोचा, की घर जाकर आराम करूंगा, बहुत हो गया पूरा दिन... सर दर्द हो रहा है... जैसे ही घर पर खाना खा कर बिस्तर पे पहुंचा, बिजली चली गई... अब इसका गुस्से का पारा और बढ़ गया कि ऊपर वाले! मैं आपको इतना मानता हूं, इतना चाहता हूं.... आप क्या कर रहे हैं मेरे साथ? गुस्से में पता नहीं कब इसको नींद लग गई, और सपने में भगवान से बातें करने लगा...इसने भगवान् से कहा कि आखिर आप क्या चाहते हैं मेरे साथ? मैं आपका इतना बड़ा भक्त, इतनी पूजा- पाठ सब कुछ करता हूं.... आप पता नहीं क्या कर रहे हैं... आज का दिन कितना खराब था...  अलार्म नहीं बजा, गाडी खराब हो गई, ऑटो बड़ी मुश्किल से मिला, कैंटीन बंद हो गई, टिफिन नहीं लेकर गया, सैंडविच गंदा था, कॉल आया था फोन बंद हो गया, घर आकर सोने लगा तो यहां पर बिजली चली गयी... क्या चाहते हो आप भगवान?
भगवान् ने कहा- जो आज हुआ वह सब मेरी मर्जी से हुआ...  मैंने जानबूझकर के अलार्म की आवाज़ का तुझे पता ही नहीं चलने दिया। तेरी बाइक मैंने ही खराब कर दी... मैं चाहता था कि तू देरी से पहुंचे क्यूंकि अगर तू बाइक से जाता, तो तेरा एक्सीडेंट हो जाता। आज तेरा एक्सीडेंट होना लिखा था... अच्छा हुआ की कैंटीन बंद थी, क्योंकि उसका खाना खराब हो चुका था...  तुझे बीमार कर देता। और वह जो कॉल आई थी ना, जिसकी वजह से तू बड़ा परेशान हो रहा है कि मेरी बात नहीं हुई...  वह एक नंबर का घोटालेबाज़ है... नौकरी के नाम पर तुझे ठगने वाला था... इसीलिए तेरा फोन मैंने बंद करवा दिया। और यह जो बिजली चली गई, आज अगर बिजली आ रही होती, तो तेरे घर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग जाती। क्यूंकि तू मेरा बहुत बड़ा भक्त है, इसलिए तुझे बता रहा हूं... सबको नहीं बताता हूं... और हां याद रखना, तू मुझ पर भरोसा करता है, तो भरोसा करता रह... जिंदगी में कभी भी तेरा बुरा नहीं होने दूंगा।
अचानक से इसकी नींद खुली, और उठके ऊपर वाले को फिर से थैंक यू करने लगा... लाइफ में कई बार हमें लगता है कि हमारे साथ में बड़ा हो गया गलत हो गया, ऐसा नहीं होना चाहिए था... लेकिन अगर आप पलट के देखेंगे पिछले कुछ सालों में, तो आपको लगा कि जो हुआ ठीक ही हुआ.... आपके फायदे में हुआ... हर पल के लिए ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते चलिए। ऊपर वाला वह नहीं करता जो हमें अच्छा लगता है, बल्कि वह करते हैं जो हमारे लिए अच्छा होता है...

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