किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि एक दिन बरसात गिरी, और कान में इतना सा कह गई, कि किसी की भी गर्मी ज्यादा दिन नहीं रहती। भले ही वह फिर सूरज क्यों ना हो...
एक बार एक गरीब परिवार का लड़का गांव से आकर शहर में सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था... कुछ परीक्षाएं दे चुका था, कुछ परीक्षाएं बाकी थी... एक दिन खुशी की बात हुई, उसके पास एक इंटरव्यू के लिए कॉल आया... अगली सुबह उसे दूसरे शहर में जाना था, लेकिन समस्या यह थी कि इस लड़के के पास पैसे नहीं थे... उसने अपने घर में ढूंढा, तो मुश्किल से 50 रुपये ही मिले। गरीब परिवार का लड़का था, तो पढ़ाईऔर शहर का खर्चा समझ नहीं पा रहा था... सोच रहा था, क्या करें? उसने पहले ही दोस्तों से उधार ले रखा था, और उन्हें लौटाया भी नहीं था... और पैसे मांगने में उसे बड़ी शर्म महसूस हो रही थी...
अगली सुबह हिम्मत करके उसने एक जोड़ी अच्छे वाले कपड़े पहने और अपने कागजात लेकर के बस स्टैंड की तरफ चल दिया। वो लगातार इस इंटरव्यू कॉल के लिए ऊपर वाले को धन्यवाद दे रहा था... लड़के को लग रहा था की बस स्टैंड के वहां कोई ना कोई जान पहचान का मिल ही जाएगा,... उनसे लिफ्ट ले लूंगा... ऐसे बढ़िया टाइम पर पहुंच जाएंगे और इंटरव्यू देकर के आ जाएंगे। पर जब वो बस स्टैंड पर पहुंचा, तो वहां उसे कोई जान पहचान का नहीं दिखा... बस में चढ़ने के लिए तो किराया चाहिए होता है... लड़का उदास हो, परेशान वापस बस स्टैंड से बाहर आया... उसने आकर देखा की पास में एक बड़ा सा मंदिर था... सोचा ऊपर वाले से जाकर मांग लेता हूं.. लड़का पहुंचता है, और अंदर जाकर प्रणाम करता है... वो भगवान् बोलता है कि अब आप ही बचा सकते हैं...
अपनी प्रार्थना करके, वो वापिस उतरता है और सीढ़ियों पर बैठकर के जूते पहन रहा होता है... इतने में लड़का देखता है कि पास में फकीर बैठे हुए हैं, और उनके कटोरे में बहुत सारे पैसे रखे हैं... वो फिर से मंदिर की तरफ मुड़ता है और कहता है वाह! कमाल देखो। जिसको चाहिए उसको दे नहीं रहे हो, जिसको नहीं चाहिए उसको बहुत सारे पैसे दे रखे हैं।
लड़के को परेशान देख कर फ़कीर उससे पूछता है- क्या हो गया कोई परेशानी में हो? मैं मदद कर सकता हूं तुम्हारी? तो लड़का कहता है- बाबा आप कैसे मेरी मदद करोगे? आप तो खुद मांग के कमा रहे हो? फकीर कहता है- नहीं। मांग करके नहीं कमा रहा हूं... इस मंदिर में जो आता है, वह इसलिए नहीं दे रहा है, कि मैं मांग रहा हूं. बल्कि इसलिए देकर जा रहा है, कि उसे पुण्य कमाना है... मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं... बात क्या है?
लड़का बताता है कि इंटरव्यू देने जाना है, कम से कम 500 रुपये चाहिए। फकीर कहता है- मुझसे पैसे ले जाओ, मुझे ज्यादा जरूरत नहीं है... बस बीमार हूं, इसलिए कुछ दवाइयां चाहिए होती है... बाकी पैसा खुद जाकर मैं शाम को मंदिर की दान पेटी में डाल देता हूं... लड़का ये बोलते हुए फकीर से पैसे ले लेता है कि बाबा! जब मेरे पास पैसे आ जायेंगे, मैं इन्हे लौटने के लिए जरूर आऊंगा।
उस दिन लड़का समय पर इंटरव्यू देने पहुँचता है, और उसका सिलेक्शन हो जाता है... खुश होकर वह लड़का शाम में जब वापस अपने शहर आ रहा होता है, तो वो सोचता है कि बाबा को धन्यवाद ज़रूर करूंगा। आज उन्हीं की वजह से ये चमत्कार हुआ है. वो जब मंदिर के पास पहुंचा, तो उसने देखा की वहां बहुत भीड़ जमा थी... वो भीड़ में जाकर पूछता है कि क्या हो गया? तो एक बंदा कहता है- एक फकीर की मौत हो गई है... भीड़ को हटा करके वो लड़का आगे पहुंचता है, तो देखता है, की ये वही बाबा हैं, जिन्होंने मदद की थी... वह मरे हुए पड़े थे... वहां तरह तरह की बातें हो रही थी... एक व्यक्ति कह रहा था कि दवाई नहीं शायद पैसे नहीं रहे होंगे, इसलिए चले गए ऊपर...भीड़ में से एक और इंसान की आवाज आती है- भिखारी था, मर गया... अच्छा हुआ वैसे भी किसी काम के नहीं होते ये लोग...
छोटी सी ये कहानी हमें दो बातें सीखाती है... पहली बात- हमेशा दूसरों पर विश्वास करो, उनकी मदद करो, क्योंकि हम जब मदद करेंगे तभी एक दूसरे की मदद करते हुए आगे बढ़ पाएंगे। और दूसरी बात- भरोसा रखो. जब आपको लगता है की लाइफ में कुछ नहीं हो सकता तब कहीं ना कहीं से आपको मदद जरूर मिलेगी। आपको भी नहीं मालूम, कब ऊपर वाला आपको किसी और का ऊपर वाला बनाकर कहीं भेज दे... इसलिए मदद करो, और इस बात पर यकीन रखो कि आपकी जिंदगी में भी कोई ना कोई ऊपर वाला जरूर आएगा।